मयूरासन (मयूर मुद्रा)::
मयूरासन , स्वर और पेट को पुनर्जीवित करता है। यह नाभि केंद्र पर असंतुलन को ठीक करने में मदद करता है, खासकर पेट, यकृत, आंतों, गुर्दे, प्लीहा और अग्न्याशय के साथ।
पाचन अत्यधिक उत्तेजित होता है, कब्ज को कम करता है और आंतों में विषाक्त पदार्थों का उत्पादन होता है। मुद्रा से कलाई, हाथ, कंधे और पैर और धड़ के पिछले हिस्से को मजबूती मिलती है।
ऊर्जावान लाभ
मोर भारत का राष्ट्रीय पक्षी है। यह अनुग्रह, सौंदर्य और प्रेम का प्रतीक है। ऐसा माना जाता है कि यह गरुड़ के पंख (भगवान विष्णु को पालने वाले पक्षी) से बनाया गया है।
इस मुद्रा का नाम प्रस्तुत करने वाले अनुग्रह और शांति को विकसित करने में समय लगेगा। हालांकि इस मुद्रा का अभ्यास सफाई और स्फूर्तिदायक होगा।
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मयूरासन , स्वर और पेट को पुनर्जीवित करता है। यह नाभि केंद्र पर असंतुलन को ठीक करने में मदद करता है, खासकर पेट, यकृत, आंतों, गुर्दे, प्लीहा और अग्न्याशय के साथ।
पाचन अत्यधिक उत्तेजित होता है, कब्ज को कम करता है और आंतों में विषाक्त पदार्थों का उत्पादन होता है। मुद्रा से कलाई, हाथ, कंधे और पैर और धड़ के पिछले हिस्से को मजबूती मिलती है।
ऊर्जावान लाभ
मोर भारत का राष्ट्रीय पक्षी है। यह अनुग्रह, सौंदर्य और प्रेम का प्रतीक है। ऐसा माना जाता है कि यह गरुड़ के पंख (भगवान विष्णु को पालने वाले पक्षी) से बनाया गया है।
इस मुद्रा का नाम प्रस्तुत करने वाले अनुग्रह और शांति को विकसित करने में समय लगेगा। हालांकि इस मुद्रा का अभ्यास सफाई और स्फूर्तिदायक होगा।
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